"स्वच्छता ही सेवा" अभियान
१. दिनांक 12-26 सितंबर, 2017 तक सीसीआरटी, द्वारका, नई दिल्ली में आयोजित ‘शिक्षा में पुतलीकला की भूमिका’ विषयक कार्यशाला के प्रतिभागियों द्वारा स्वच्छता-शपथ।
इस कार्यशाला में 7 विभिन्न राज्यों से आए 50 शिक्षक-शिक्षिकाएँ भाग ले रहे हैं। |
२. सीसीआरटी, द्वारका, नई दिल्ली के स्टाफ द्वारा ली गई स्वच्छता-शपथ |
३.
सीसीआरटी द्वारा ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के दौरान ‘पारम्परिक गतिविधियां’ पर एक दिवसीय कार्यशाला 16 सितम्बर, 2017 को गुरू रामदास कॉलेज ऑफ एजुकेशन के 100 विद्यार्थियों हेतु विस्तार एवं सामुदायिक पुनर्निवेश कार्यक्रम के अंतर्गत अपने मुख्यालय दिल्ली में आयोजित की गई ।
प्रतिभागी विद्यार्थियों हेतु निम्न गतिविधियों आयोजित की गई :
भारत देश के कई शहरों में व्याप्त अस्वच्छ पर्यावरण के प्रति जागरूक करने हेतु अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया । व्याख्यान द्वारा घरों तथा पड़ोस में अपशिष्ट पदार्थ को प्रबंधित करने पर प्रकाश डाला गया ताकि भारतीय नागतिक स्वंच्छता के प्रति संवंदनशील बनें । |
पारम्पारिक हस्ति कलाओं की प्रायोगिक कक्षाएं जैसे – मधुबनी, वार्ली, रंगोली तथा भित्ति चित्रण संचालित की गई । विद्यार्थियों ने न केवल इन लोक कलाओं को सीखा बल्कि सफलतापूर्वक ‘स्वच्छ्ता ही सेवा’ विषय को अपनी कृतियों में अंतर्निहित किया । |
सम्प्रेषण शिक्षण का एक महत्व पूर्ण तत्व है अतएव सम्प्रेषण कौशल में वृद्धि हेतु विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक कक्षाएं भी आयोजित की गईं । |
४. सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी), पर्यावरण शिक्षा केन्द्र के तत्वाधान में ’स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत विस्तार सेवा एवं समुदाय पुननिर्वेशन कार्यक्रम के अंतर्गत भारत के समृद्ध प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने हेतु गैर सरकारी संगठनों के लिए विशेष कार्यशाला दिनांक 20 सितम्बर, 2017 को सीसीआरटी परिसर में आयोजित की गई ।
इस कार्यशाला में दिल्ली के विभिन्न गैर सरकारी संगठनों से 28 शिक्षक/शिक्षिकाओं नें भाग लिया । यह कार्यशाला प्रात: 10.00 बजे से सांय 04.00 बजे तक चली जिसमें सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभ आरम्भ किया गया तत्पश्चात प्रतिभागी शिक्षक/शिक्षिकाओं को श्री अनिल दहिया द्वारा स्व्च्छ भारत अभियान के तहत ‘स्वच्छता ही सेवा है’ विषय पर व्याख्यान दिया गया । उसके पश्चात श्री शरद गौड, पर्यावरण शिक्षा केन्द्र, नई दिल्ली द्वारा भारत के समृद्ध प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूकता जगाने एवं पर्यावरण स्वच्छता हेतु प्रतिभागियों को प्रेरित किया ।
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